Best Pandit in Ujjain for Puja https://ujjainpanditforpuja.in kaal Sarp and Mangal Dosh Puja Ujjain Thu, 17 Oct 2024 05:41:51 +0000 en-US hourly 1 https://wordpress.org/?v=6.8.1 https://ujjainpanditforpuja.in/wp-content/uploads/2022/11/cropped-png-clipart-symbol-om-symbol-miscellaneous-text-32x32.png Best Pandit in Ujjain for Puja https://ujjainpanditforpuja.in 32 32 ऋण दोष मुक्ति के लिए क्या उपाय है उज्जैन में https://ujjainpanditforpuja.in/what-is-the-remedy-for-debt-relief-in-ujjain/ https://ujjainpanditforpuja.in/what-is-the-remedy-for-debt-relief-in-ujjain/#respond Mon, 11 Mar 2024 18:31:51 +0000 https://ujjainpanditforpuja.in/?p=2084 उज्जैन जो की महाकाल की नगरी के नाम से विश्व में विख्यात है, यही पर ऋण मुक्तेश्वर महादेव का अति प्राचीन मंदिर भी है, इसलिए हम आपको ऋण दोष से मुक्ति के लिए उज्जैन में कई उपाय बताने वाले है और यहाँ एक व्यापक चर्चा के साथ साथ उपाए भी दिए जा रहै है:

महाकालेश्वर मंदिर में दर्शन: भगवान महाकालेश्वर का मंदिर उज्जैन का एक प्रमुख धार्मिक स्थल है जहाँ पर भगवान शिव जी की पूजा और अर्चना की जाती है। यहाँ आकर दर्शन करने मात्र से ऋण दोष से मुक्ति होती है, साथ ही उपाय के लिए पूजा-अर्चना की जा सकती है।

कुंभ पर्व में स्नान: उज्जैन में हर बारह बरस बाद कुंभ मेला का आयोजित होता है, जिसमें लाखों लोग आते हैं। कुंभ मेला में स्नान करने से व्यक्ति को धार्मिक और आध्यात्मिक लाभ मिलता है, ऐसा माना जाता है इस स्नान से भी ऋण दोष से मुक्ति हो सकती है।

ऋण मोचन यज्ञ और हवन: उज्जैन में भगवान शिवजी को प्रसन्न करने के लिए ऋण मोचन यज्ञ और हवन किया जाता है जिसमें विशेष मंत्रों का जाप किया जाता है। यह यज्ञ और हवन ऋण दोष से मुक्ति के लिए काफी प्रभावी माना जाता है।

श्री गणेश जी की पूजा: गणेश जी जो की भगवान शिवजी के पुत्र है इनको भी ऋण मोचन करने वाले देवता माना जाता है। उज्जैन में गणेश जी के मंदिरों में पूजा-अर्चना करके व्यक्ति अपने ऋण दोष से मुक्ति पा सकते हैं।

धार्मिक साधना: उज्जैन में धार्मिक साधना का विशेष महत्व है। योग, ध्यान, और प्रार्थना के माध्यम से व्यक्ति अपने ऋण दोष से मुक्ति पा सकते हैं।

सेवा और दान: ऋण दोष से मुक्ति के लिए सेवा और दान का महत्वपूर्ण योगदान होता है। उज्जैन में धार्मिक संस्थाओं और आश्रमों में सेवा करके और गरीबों को आहार, वस्त्र, और धन देकर ऋण दोष से मुक्ति प्राप्त की जा सकती है।

कर्म की शुद्धि: व्यक्ति को अपने कर्मों की शुद्धि करने की आवश्यकता होती है। उसे नेगेटिविटी से दूर रहना चाहिए और उसे सकारात्मक कर्मों में लगना चाहिए।

शास्त्रों की अध्ययन: उज्जैन में धार्मिक शास्त्रों का अध्ययन करने से व्यक्ति ऋण दोष से मुक्ति पा सकते हैं। धार्मिक ग्रंथों में ऋण दोष से मुक्ति के उपायों का विस्तार से वर्णन होता है।

ध्यान और मेधा साधना: उज्जैन में ध्यान और मेधा साधना के माध्यम से व्यक्ति अपने मन को शुद्ध कर सकते हैं और ऋण दोष से मुक्ति पा सकते हैं।

गुरु की शरण: गुरु की शरण में आकर व्यक्ति ऋण दोष से मुक्ति पा सकते हैं। गुरु के मार्गदर्शन में चलकर व्यक्ति धार्मिक और आध्यात्मिक उद्धार की दिशा में अग्रसर होते हैं।

कर्मकांड और यज्ञों की प्रवृत्ति: उज्जैन में ऋण दोष से मुक्ति प्राप्त करने के लिए कर्मकांड और यज्ञों की प्रवृत्ति काफी आदर्श मानी जाती है। यह यज्ञों के माध्यम से व्यक्ति को ऋण दोष से मुक्ति मिलती है।

साधु-संतों के संग: उज्जैन में साधु-संतों के संग में रहकर व्यक्ति ऋण दोष से मुक्ति पा सकते हैं। साधु-संत धार्मिक और आध्यात्मिक ज्ञान के बारे में व्यक्ति को प्रेरित करते हैं और उसे उद्धार की दिशा में मार्गदर्शन करते हैं।

इन समस्त उपायों का अनुसरण करके व्यक्ति उज्जैन में ऋण दोष से मुक्ति पा सकते हैं। यहाँ पर काल सर्प दोष पूजा उज्जैन (Kaal sarp Dosh Puja Ujjain) एवं मंगल दोष पूजा उज्जैन (Mangal Dosh Puja Ujjain) के उपायों के साथ-साथ, अच्छे नियमित जीवनशैली का भी पालन करना चाहिए। ध्यान, प्रार्थना, साधना, धार्मिक और नैतिक आदर्शों का पालन करने से व्यक्ति की आत्मा की शुद्धि होती है, जो ऋण दोष से मुक्ति प्राप्त करने में सहायक होती है।

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उज्जैन में पूजन करवाना क्यों उत्तम है https://ujjainpanditforpuja.in/why-it-is-best-to-perform-puja-in-ujjain/ https://ujjainpanditforpuja.in/why-it-is-best-to-perform-puja-in-ujjain/#respond Fri, 26 Jan 2024 12:00:51 +0000 https://ujjainpanditforpuja.in/?p=2082 उज्जैन नगरी, भारत के मध्य प्रदेश राज्य में स्थित एक प्राचीन और महत्वपूर्ण नगर है, इसको हिन्दू सनातन धर्म के प्रमुख तीर्थस्थलों में से एक माना जाता है। यहां के पूजनीय मंदिरों जैसे महाकाल मंदिर, मंगलनाथ मंदिर एवं काल भैरव मंदिर और तीर्थों के कारण उज्जैन पूरे भारत में एक प्रमुख तीर्थ स्थल के रूप में उभरा है। उज्जैन का काल सर्प दोष निवारण पूजन (kaal sarp dosh puja ujjain ) न केवल धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है, बल्कि इसका ऐतिहासिक और सांस्कृतिक महत्व भी अत्यधिक है।

उज्जैन को ‘महाकाल का नगर’ भी कहा जाता है, क्योंकि यहां पर कालो के काल के रूप में महाकालेश्वर महादेव का मंदिर स्थित है, जो एक महत्वपूर्ण ज्योतिर्लिंग है। महाकालेश्वर मंदिर में भगवान शिव के महाकाल स्वरूप की पूजा की जाती है ऐसी मान्यता है की यहाँ पर काल अर्थात समय की भी गणना यहाँ से की जाती थी ।

पुराणों और लौकिक कथाओ के अनुसार, यहां का ऐतिहासिक महत्व अत्यधिक है। उज्जैन को पुरातात्विक रूप से अयोध्या के बाद भारतीय उपमहाद्वीप का द्वितीय सबसे प्राचीन नगर माना जाता है। यहां का इतिहास भी बहुत भव्य एवं समृध्द है और यह नगर बहुत सी धार्मिक एवं सांस्कृतिक परंपराओं से भरा हुआ है।

उज्जैन में रुद्राभिषेक पूजन (Rudrabhishek Puja in Ujjain) करवाना भी उत्तम है क्योंकि यह एक ऐसा स्थान है जहां धर्म, सांस्कृतिक और आध्यात्मिकता का मिलन होता है। महाकालेश्वर मंदिर के अलावा भी यहां कई प्रमुख मंदिर हैं जैसे कि काल भैरव, हरसिद्धि, चिंबली माता आदि। यहां की धार्मिक वातावरण में एक अद्वितीय शक्ति महसूस होती है जो श्रद्धालुओं को अपनी ओर आकर्षित करती है।

महाकालेश्वर मंदिर के अलावा, उज्जैन में सिमा-सिमा पर विकसित हुए अन्य कई प्रमुख मंदिर और तीर्थ स्थल हैं, जो यहां के सौरमंडल, भैरवगढ़, नगजहिरा, रामघाट, चंद्रभागा, गोधूमधन आदि में शामिल हैं। इन स्थलों पर पूजा करने से व्यक्ति अपने जीवन को धार्मिक और आध्यात्मिक दृष्टि से समृद्धि और शांति से भर देता है।

उज्जैन के महाकालेश्वर मंदिर का निर्माण राजपूत राजा भोज ने किया था और इसका शिखर अत्यंत विशाल है। मंदिर की शृंगारशैली और वास्तुकला इसे एक अद्वितीय और सुंदर स्थल बनाती हैं। महाकालेश्वर मंदिर में विशेष रूप से नित्य पूजा और आरती की जाती है, जो श्रद्धालुओं को भगवान के साथ संवाद करने का अवसर प्रदान करती है।

उज्जैन में मंगल भात पूजन (Mangal Dosh Puja Ujjain or Mangal Bhat Puja Ujjain) करवाना भी उत्तम है क्योंकि यहां का वातावरण धार्मिक और आध्यात्मिक सतत्ता से भरा हुआ है। यहां के तीर्थ स्थल और मंदिर धार्मिक संस्कृति के प्रति गौरव एवं समर्पण की अनुभूति कराते हैं और लोगों को अपने आत्मा के साथ मिलकर शांति और सुख की प्राप्ति का मार्ग दिखाते हैं।

उज्जैन का इतिहास विविधता से भरा हुआ है और यह यहां के मंदिरों और स्थलों को अद्वितीय बनाता है। यहां के सिद्धशिला, विक्रम की ज्यों की छाया, मल्लिनाथ मंदिर, भैरव गुफा, सिद्धवट, बहुबली उद्यान, आदि इस नगर को और भी आकर्षक बनाते हैं। इन स्थलों पर पूजा अथवा ध्यान करते समय व्यक्ति अपने आत्मा के साथ समर्थन और तात्पर्य पूर्ण तत्वों से मिलता है, जो उसे जीवन के मार्ग पर आगे बढ़ने में सहायक होते हैं।

उज्जैन में महामृत्युंजय जाप पूजन (Mahamrityunjay jaap puja ujjain) करवाना अति उत्तम है क्योंकि यह यहां के महाकालेश्वर मंदिर के माध्यम से व्यक्ति को अपने जीवन की दिशा में मार्गदर्शन करता है। यहां की विशेष शक्ति और अनुभव ने कई लोगों को ध्यान और साधना की दिशा में प्रेरित किया है और उन्हें अपने आत्मा के साथ मिलकर अध्यात्मिक सफलता प्राप्त करने में सहायक हुआ है।

यहां के मंदिरों में आयोजित होने वाले धार्मिक एवं सांस्कृतिक कार्यक्रम भी लोगों को अपने सांस्कृतिक रूपरेखा को समझने और मानने में सहायक होते हैं। यहां के त्यौहार और महोत्सव विशेष रूप से भगवान की भक्ति और सांस्कृतिक एकता की भावना को उत्तेजना करते हैं और उज्जैन में पितृ दोष पूजा (Pitra Dosh Puja ujjain) भी आप करवा सकते है विद्वान ब्राह्मणो के द्वारा

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Can Kaal Sarp Dosh be removed completely? https://ujjainpanditforpuja.in/can-kaal-sarp-dosh-be-removed/ https://ujjainpanditforpuja.in/can-kaal-sarp-dosh-be-removed/#respond Thu, 11 Jan 2024 04:27:00 +0000 https://ujjainpanditforpuja.in/?p=1930 A visit to the holy city in Madhya Pradesh, India, is an excellent way to perform the kaal sarp dosh puja ujjain, a special puja that removes your Kaal Sarp Dosh completely. During this one-day puja, devotees visit the ancient temple of Goddess Mahakali in Ujjain and perform pujas that remove all negative marks from their birth charts (or horoscopes). If you’re ready to take your life from stuck to soaring, read on to learn how this unique puja can be life-changing!

kaal sarp dsoh puja

What is Kaal Sarp Dosha?

One of the main reasons why some people aren’t able to get married or have children is that they are afflicted by kaalsarp dosha. Put simply, kaal sarp dosha or kalsarp dosh is a ‘bad omen,’ making marriage and childbirth impossible. For people who believe in astrology, it is said that having a kaal sarp dosha in your birth chart could land you in trouble when it comes to getting married and having children. Therefore, many Hindus find themselves traveling from one temple to another, from one holy city to another, to conduct pujas which would help them remove kaal sarp dosha from their horoscope.

How to Remove Kaal Sarp Dosh Permanently?

The word kaalsarp comprises 2 words – kaa (removing) and sarp (disease). The aim here is to remove those negative influences in your life which are causing you problems and making you suffer. Therefore, kaal sarp dosh puja in ujjain involves performing a certain ritual that aims to remove all of your kaa-sarps and bring positivity into your life so that you don’t have to struggle anymore. To do that, we will first tell you some things about what a kaa-sarp is; then we will describe how a kaalsarp puja is done for everyone who wishes to perform one.

After reading both sections, if you feel you would benefit from performing a kaalsarp puja, follow our guide below. However, if not, just move on to other articles since there might be other remedies out there for whatever specific problems you may be having at present in your life.

What is KaalSarp?

According to astrology, it is believed that as soon as an individual is born, his horoscope is divided into nine equal portions known as navamsas or houses. Depending upon their zodiac signs, these navamsas can further be subdivided into 12 smaller parts known as bhavas or signs. These signs also represent different types of people with varying personalities.

There are 3 types of people based on their sun sign, i.e., Vrishabha Rashi(Aries), Mithuna Rashi(Gemini), Kark Rashi(Cancer). For example, if someone’s sun sign is Cancer, he belongs to Kark Rashi because Cancer falls under the Kark category. Still, he could belong to anyone among Gemini, Virgo, or Pisces because these three fall under Mithuna category.

Similarly, he could belong to Taurus, Libra, or Aries if they fall under the Vrishabha category. Every person is said to be affected by two kinds of doshas called ‘KaalSarp’ and ‘Dosham’ when they are born. These two doshas remain active throughout their lives unless they get removed using proper rituals performed during certain events such as birthdays, anniversaries, etc. Now let us explain to you what KaalSarp dosha is: When a child comes out of the mother’s womb, it brings various positive energies which make him/her fortunate enough to enjoy happiness in life without much effort on his/her part.

How to Perform the Puja

Lord Shiva deeply connects with Lord Vishnu, who gave him Parvati as his wife. The Agyat Keshwar Mahadev Temple in Ujjain is associated with that event and attracts thousands of visitors annually. Suppose you want to remove your kaal sarp dosh puja in ujjain by performing puja here. In that case, it’s recommended you do so between April and June, the time of year when Mahashivratri and Vaishakhi are celebrated (Lord Shiva is said to be at his purest during those days). To remove your kaal sarp dosha, visit Ujjain during one of those times and perform a special puja.

Here’s how: Visit Agyat Keshwar Mahadev Temple on an auspicious day. Make sure you arrive before noon.

Take a dip in the Shipra River or Chandrabhaga River (both rivers are located near the temple).

After your dip, head straight for Shree Gopal Ji Mandir inside Agyat Keshwar Mahadev Temple.

Here, take out some sand from under a peepal tree and place it on top of an earthen lamp that another worshipper has lighted.

Then, offer flowers, fruits, and sweets to both Gopal Ji and Lord Shiva.

Finally, recite the following mantra 108 times while facing east: Om Namah Shivaya.

That’s all! It’s believed that if you repeat these steps every year for three years in a row, your kaal sarp dosha will be removed completely.

How Does the Puja Help You

A priest performs the puja in Ujjain to get rid of your kalsarp dosha, which makes life miserable for you. It is best to eradicate your dosha as early as possible so that it does not impact your health later in life. The kaal sarp dosh puja ujjain can be very beneficial for you if you face any of these issues: financial problems, children and marital conflicts, loneliness, depression, death of family members, and loss of property. These problems could be due to your kalsarp dosha or some other reasons, but if you find yourself going through any of them, it would be wise to address these issues at an astrologer’s place. Also read – कालसर्प दोष कितने वर्ष तक रहता है?

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मंगल दोष पूजा कब और क्यों करें ? https://ujjainpanditforpuja.in/when-and-why-to-worship-mangal-dosh-puja/ https://ujjainpanditforpuja.in/when-and-why-to-worship-mangal-dosh-puja/#respond Fri, 15 Sep 2023 06:24:55 +0000 https://ujjainpanditforpuja.in/?p=2049

वैदिक ज्योतिष की जटिल कार्यविधि में, खगोलीय पिंडों की स्थिति अत्यधिक महत्व रखती है। इनमें से, किसी की कुंडली में मंगल या “मंगल” की स्थिति, मंगल दोष के रूप में जन्म कुंडली में छाया या दोष हो सकता है। ऐसा माना जाता है कि यह खगोलीय घटना किसी के जीवन के विभिन्न पहलुओं को प्रभावित करती है, खासकर विवाह और रिश्तों के संदर्भ में। इस ब्लॉग में, हम पवित्र शहर उज्जैन पर ध्यान केंद्रित करते हुए मंगल दोष की पूजा कब और क्यों करनी चाहिए, इस पर विस्तार से चर्चा करेंगे।

mangal dosha

मंगल दोष पूजा को नमस्कार

इससे पहले कि हम मंगल दोष की पूजा के पीछे के समय और कारणों का पता लगाएं, यह समझना महत्वपूर्ण है कि इस ज्योतिषीय घटना में क्या शामिल है। मंगल दोष, जिसे अक्सर मांगलिक दोष के रूप में जाना जाता है, एक ऐसी स्थिति है जो तब उत्पन्न होती है जब मंगल किसी व्यक्ति की जन्म कुंडली में कुछ निश्चित स्थानों पर होता है। यह दोष विवाह के क्षेत्र में देरी, चुनौतियों और गड़बड़ी से जुड़ा है। इसलिए, विशिष्ट अनुष्ठानों और प्रार्थनाओं के माध्यम से इसका समाधान करना आवश्यक है।

आपको मंगल दोष पूजा कब करनी चाहिए?

मंगल दोष की पूजा का निर्णय मनमाना नहीं बल्कि व्यक्ति की कुंडली पर आधारित होता है। ऐसी विशिष्ट स्थितियाँ हैं जो मंगल दोष पूजा की आवश्यकता को दर्शाती हैं:ujjainpanditforpuja

  1. कुंडली में मंगल दोष की उपस्थिति:

पूजा के लिए सबसे सीधा ट्रिगर किसी की जन्म कुंडली में मंगल दोष की पहचान है। पंडित अंकित शास्त्री जी जैसे अनुभवी ज्योतिषीय कुंडली का सारांश कर सकते हैं और यह पता  कर सकते हैं कि कोई दोष मौजूद है या नहीं।

  • शादी से पहले:

यदि मंगल दोष वाला व्यक्ति विवाह करना चाहता है, तो विवाह से पहले पूजा करने की अत्यधिक अनुशंसा की जाती है। यह एहतियाती कदम यह सुनिश्चित करने के लिए उठाया गया है कि संभावित समस्याओं को कम किया जा सके।

  • महत्वपूर्ण भावों में मंगल:

 कुंडली के विशिष्ट घरों में मंगल की स्थिति मंगल दोष के प्रभाव को तीव्र कर सकती है। ऐसे में पूजा करना और भी महत्वपूर्ण हो जाता है।

उज्जैनमंगल दोष पूजा के लिए पवित्र स्थान

अब जब हमने चर्चा कर ली है कि मंगल दोष की पूजा कब करनी चाहिए, तो यह जानना जरूरी है कि क्यों उज्जैन इस उद्देश्य के लिए एक  श्रेष्ठ स्थान है। भारत के सबसे पवित्र शहरों में से एक, उज्जैन में आध्यात्मिक प्रथाओं का एक समृद्ध इतिहास है और इसे विभिन्न अनुष्ठानों के लिए शुभ माना जाता है। जब मंगल दोष पूजा की बात आती है, तो उज्जैन परंपरा और प्रभावकारिता का एक अनूठा मिश्रण पेश करता है।

उज्जैन में मंगल भात पूजा

उज्जैन में मंगल दोष के प्रभाव को कम करने के लिए प्रमुख अनुष्ठानों में से एक मंगल भात पूजा है। यह समारोह विस्तार और भक्ति पर सावधानीपूर्वक ध्यान देकर आयोजित किया जाता है। यहां मंगल भात पूजा के बारे में कुछ जानकारियां दी गई हैं:

विस्तृत अनुष्ठान:

 मंगल भात पूजा में जटिल अनुष्ठानों की एक श्रृंखला शामिल होती है, जिसमें विशिष्ट वस्तुओं की पेशकश और मंत्रों का पाठ शामिल है। ये अनुष्ठान भगवान मंगल का आशीर्वाद पाने के लिए किए जाते हैं।

शुभ समय:

मंगल भात पूजा आमतौर पर मंगलवार को आयोजित की जाती है, जिसे भगवान मंगल को समर्पित एक शुभ दिन माना जाता है। ऐसा माना जाता है कि यह समय पूजा के सकारात्मक प्रभावों को अधिकतम करता है।

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The Mystery of the Mangalnath Temple Is Finally Revealed

मंगल दोष (Mangal Dosh) की पूजा कहां होती है?

When should Mangal Dosha be eliminated, if at all?

Can Manglik dosha be removed after marriage?

Where is Mangal dosh puja in Ujjain?

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The Mystery of the Mangalnath Temple Is Finally Revealed https://ujjainpanditforpuja.in/the-mystery-of-the-mangalnath-temple-is-finally-revealed/ https://ujjainpanditforpuja.in/the-mystery-of-the-mangalnath-temple-is-finally-revealed/#respond Wed, 16 Aug 2023 10:19:11 +0000 https://ujjainpanditforpuja.in/?p=2044 Taking a Peek at Ujjain’s Prodigious Past

Let’s start with backstory. The Indian city of Ujjain in Madhya Pradesh has a millennia-old culture. The spiritual and historical significance of the Mangalnath Temple contributes significantly to the city’s overall mystique.

Get to Know the Martian God: King Mangal

The very name of the shrine hints at its significance. The name “Mangal” refers to the planet Mars, and its temple is devoted to the Hindu god of bravery and battle, Mangal. The temple is a holy place for those who honor Mars, a god of war and power in Hindu mythology.

Mangalnath Temple’s Unparalleled Location

This is where the story becomes even more fascinating. It is widely claimed that the Mangalnath Temple stands precisely on the intersection of the prime meridian and the Tropic of Cancer. Mangalnath mandir Ujjain contact number, no doubt about it!

Imagine a spot on Earth where the features of our planet’s geography and solar system collide. Unsurprisingly, the temple radiated cosmic energy, luring curious onlookers and committed worshippers.

The Astronomical Wonder That Is the Mangalnath Temple

Many devotees and astrologers go to the Mangalnath Temple for career guidance. If you suffer from Mangal Dosha, a disease connected with Mars in Vedic astrology, going to the temple may help. Visitors come here looking for peace of mind and solutions to astrological problems from mangalnath mandir ujjain pandit contact number.

Legends from the Temple’s Past

Lord Mangal’s Repentance: A Mythical Account

The Mangalnath Temple, like all others, is shrouded in myth and mythology. It is said that Lord Mangal came here to pray for pardon after he had killed a wise man. His genuine repentance built the temple, and faith in Lord Mangal’s abilities expanded.

Ujjain: The Story of the Cosmic Energy City

The city of Ujjain has a cosmic link in and of itself. According to folklore, the great sage Maharishi Sandipani, who guided Deities Krishna and Balarama, formerly lived there. Legend believes the city’s cosmic essence has drawn angels and gods since the beginning.

The Mangal Bells’ Psychic Allure

The hypnotic chime of temple bells welcomes visitors and sets a spiritual tone as they enter the building. The temple’s special Mangal Bells are rung to fend off bad spirits and bless the faithful. Give those bells a soft ring to spread some good energy.

Meaning and Beliefs on a Spiritual Level

The Planetary Effect of Mangal Dosha

The concept that the Mangalnath Temple may mitigate the negative effects of Mangal Dosha is central to the temple’s mythology. Mars’ placement in certain houses of a birth chart is seen unfavorably in astrology. Praying at this temple is thought to alleviate Lord Mangal and lessen the negative consequences of this astrological phenomenon by contacting the mangalnath mandir ujjain contact number.

Searching for Happiness in Marriage

Those who are committed to marital bliss also make the trek to the shrine. Many people feel that mangalnath mandir ujjain pandit contact number may resolve marital conflicts and enjoy a more fulfilling life together if they pray to Lord Mangal for guidance.

Successful reproduction

The temple’s connection to procreation and fertility is also quite interesting. Many infertile couples go to the temple to pray to Lord Mangal for the ability to start a family.

Incredible Celebrations and Rituals

The Stunning Mangal Aarti

You’re in for a real treat if you come to the temple in the evening. The Mangal Aarti is a stunning performance that leaves viewers spellbound.

Unique and Mysterious Mangal Bazaar

Every Tuesday, the Mangal Bazaar sets up shop outside the temple. It’s the best spot for people-watching and shopping therapy at once.

Navratri, a Festival of Extravagance

The nine holy days of Navratri are celebrated in great style at the Mangalnath Temple. Pilgrims come from far and wide to the temple to pray for divine favor and commemorate the victory of good over evil.

Marvelous Mangalnath Temple Architecture

A Peek at Some Classic Buildings

Find mahakaleshwar pandit contact number to learn more about the temple’s design, synthesizing classical and contemporary elements. Ancient artisans’ skill is fully displayed in the temple’s beautiful sculptures, which portray episodes from Hindu mythology.

Shikhara, the Stunning

The shikhara (spire) of the temple is a stunning sight. Its magnificence and symmetry make one marvel at the skill of former architects.

The Magic Is Still There

It’s clear that the mystery and appeal of this ancient landmark, the Mangalnath Temple, continue to pull the curious and the devout as we wrap up our journey inside its enthralling domain. Embrace the cosmic energy, find the mahakaleshwar pandit contact number ask for Lord Mangal’s blessings, and allow the mystery of this holy location to affect you in ways you can’t even figure out.

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काल सर्प दोष (Kaal Sarp Dosh) कितने साल तक रहता है?

मंगल दोष (Mangal Dosh) की पूजा कहां होती है?

What am I asking God to do when I chant the Maha Mrityunjay mantra?

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कालसर्प दोष कितने वर्ष तक रहता है? https://ujjainpanditforpuja.in/kaal-sarp-dosh-kitne-saal-tak-rehta-he/ https://ujjainpanditforpuja.in/kaal-sarp-dosh-kitne-saal-tak-rehta-he/#respond Mon, 05 Jun 2023 11:16:27 +0000 https://ujjainpanditforpuja.in/?p=2028

कालसर्प दोष ज्योतिष शास्त्र में एक महत्वपूर्ण ग्रह दोष माना जाता है। इस दोष के कारण मनुष्य को विभिन्न प्रकार की समस्याएं हो सकती हैं और उसकी जीवनमार्ग में बाधाएं आ सकती हैं। कालसर्प दोष को जन्मकुंडली में राहु और केतु के प्रकोप के रूप में देखा जाता है। इस दोष के बारे में विभिन्न मान्यताएं हैं, और इसका प्रभाव व्यक्ति की कुंडली के अनुसार भिन्न हो सकता है।

कालसर्प दोष(Kaal Sarp Dosh) का असर लंबे समय तक चल सकता है, जो कुछ मामलों में वर्षों तक बढ़ सकता है। इस दोष के प्रभाव से बचने के लिए व्यक्ति को कुछ उपाय अपनाने पड़ सकते हैं, जो विशेषज्ञ ज्योतिषाचार्यों द्वारा सुझाए जाते हैं। यह उपाय तांत्रिक रूप से या मंत्र-तंत्र-यंत्र के माध्यम से किए जा सकते हैं। ये उपाय शास्त्रीय पद्धति पर आधारित होते हैं और व्यक्ति की राहु-केतु के स्थान के आधार पर निर्धारित किए जाते हैं।

कालसर्प दोष से प्रभावित होने पर व्यक्ति में भय, चिंता, आंशिक सफलता, परिवारिक विवाद, स्वास्थ्य समस्याएं, विपत्ति आदि के लक्षण दिखाई दे सकते हैं। इन लक्षणों की गंभीरता और अवधि कुंडली के निर्माण में बढ़ जाती है।

इस दोष का प्रभाव सालों तक चल सकता है, लेकिन इसकी अवधि कुंडली के निर्माण, ग्रहों के स्थिति, दशा-अंतर आदि पर निर्भर करती है। अधिकांश ज्योतिषाचार्यों का मानना है कि यदि कुंडली में कालसर्प दोष है, तो इसका प्रभाव प्रारंभी तीन सालों में दिखने लगता है और सबसे अधिक गहराई प्राप्त करता है बारहवें वर्ष से आगे। यह अवधि निर्माण के समय की विवेकपूर्ण गणना के आधार पर अलग हो सकती है।

कालसर्प दोष से राहत पाने के लिए व्यक्ति को नियमित रूप से उपाय करने की सलाह दी जाती है। यह उपाय मंत्र जाप, दान, व्रत, यात्रा, पूजा, हवन, ध्यान आदि के माध्यम से किए जा सकते हैं।

कालसर्प दोष को दूर करना, राहु और केतु के दुष्प्रभाव को कम करके ग्रहों की सकारात्मक शक्ति को बढ़ाने का होता है। ये उपाय अपनी कार्योत्पादकता के लिए प्रसिद्ध हैं, लेकिन इनके परिणाम व्यक्ति की आचरण शुद्धता, निष्ठा और समर्पण पर भी निर्भर करते हैं।

काल सर्प दोष कितने साल तक रहता है ?

कालसर्प दोष एक गंभीर मुद्दा हो सकता है और इसके प्रभाव की अवधि कुंडली के निर्माण और ग्रहों के स्थिति पर निर्भर करेगी। यह दोष निवारण के लिए उपर्युक्त उपायों का अनुसरण करने से व्यक्ति को कालसर्प दोष से मुक्ति मिल सकती है। हालांकि, उपायों का प्रभाव समय लगातार होता है और सबके लिए समान नहीं होता है। कुछ लोगों को जल्दी लाभ मिलता है जबकि कुछ लोगों को धीरे-धीरे सुधार दिखाई देता है। आपकी सटीक अवधि और प्रभाव के बारे में ज्योतिष शास्त्र के विशेषज्ञ से परामर्श लेना सर्वोत्तम होगा।

कालसर्प दोष एक विशेष ज्योतिषीय दोष है जिसे कुंडली में पाया जाता है। इस दोष के प्रभाव से प्रभावित व्यक्ति में विभिन्न समस्याएं और अड़चनें हो सकती हैं। कई लोग कालसर्प दोष को निवारण करने के लिए उज्जैन, मध्य प्रदेश में स्थित महाकालेश्वर मंदिर में पूजा करने का महत्व जानते हैं। इस मंदिर में कालसर्प दोष निवारण के लिए अनेक विशेष पूजाएं आयोजित की जाती हैं।

उज्जैन में स्थित महाकालेश्वर मंदिर हिंदू धर्म का एक प्रमुख तीर्थस्थल है और यहां कालसर्प दोष निवारण के लिए प्रसिद्ध है। मंदिर को ज्योतिर्लिंग का एक स्थान माना जाता है और यह महाकाल के नाम से भी प्रसिद्ध है। मंदिर में कालसर्प दोष के लिए विशेष पूजाएं की जाती हैं, जिनमें राहु और केतु की आराधना शामिल होती है।

इस प्रक्रिया में, प्रसाद के रूप में दोनों ग्रहों को लेकर पूजा की जाती है, जिसके लिए पंडित या पुजारी के द्वारा विशेष मंत्रों और आरती का पाठ किया जाता है। विशेष प्रकाश, धूप, दीप, फूल, बेल पत्र, सिंदूर, अभिषेक और ब्राह्मणों को दान करके पूजा का अंगीकार किया जाता है। इसके अलावा, ज्योतिषाचार्यों द्वारा कुण्डली और ग्रहों की पढ़ाई की जाती है, जिससे कालसर्प दोष के लिए उचित उपायों का निर्धारण किया जा सकता है।

महाकालेश्वर मंदिर में पूजा करने का महत्व इसके ऐतिहासिक और धार्मिक महत्व के कारण भी है। मंदिर को ब्रह्मा, विष्णु और महेश्वर के पुत्र कार्तिकेय के द्वारा स्थापित किया गया है। इसे शक्ति पीठ के रूप में भी माना जाता है, जहां मां पार्वती ने भैरव को ब्रह्महत्या से रक्षा करने के लिए अपनी आदि शक्ति का प्रकट होना किया था।

महाकालेश्वर मंदिर के आस-पास कई प्रमुख ज्योतिषी और पंडित उपस्थित होते हैं, जो व्यक्तिगत परामर्श देते हैं और कालसर्प दोष के निवारण(Kaal Sarp Dosh Nivaran Puja) के उपाय बताते हैं। आपकी कुंडली के अनुसार, आपको विशेष मंत्रों का जाप, दान, हवन और व्रत करने की सलाह दी जाती है। इसके अलावा, मंदिर में विशेष पूजा और हवन करवाए जाते हैं जिसमें पंडित या पुजारी द्वारा उपयुक्त मंत्रों का पाठ किया जाता है। धूप, दीप, फूल, पुष्पांजलि, बेल पत्र आदि अन्य पूजा सामग्री का उपयोग भी किया जाता है।

उज्जैन में महाकालेश्वर मंदिर में पूजा करने का महत्व धार्मिक और आध्यात्मिक दृष्टिकोण से होता है। यह मंदिर हिन्दू धर्म का प्रमुख तीर्थस्थल है और महाकाल के नाम से प्रसिद्ध है। महाकालेश्वर मंदिर का संबंध पुराणों और अनेक पुरातात्विक आद्यात्मिक कथाओं से जुड़ा है। महाकालेश्वर मंदिर के दर्शन और पूजा से विशेष आनंद और शांति की अनुभूति होती है।

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काल सर्प दोष (Kaal Sarp Dosh) के लक्षण क्या होते हैं?

मंगल दोष (Mangal Dosh) की पूजा कहां होती है?

How many variations of Mahamrityunjaya Pooja are there?

काल सर्प दोष (Kaal Sarp Dosh) को हमेशा के लिए दूर कैसे करें?

Can Kaal Sarp Dosh be removed completely?
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काल सर्प दोष (Kaal Sarp Dosh) के लक्षण क्या होते हैं? https://ujjainpanditforpuja.in/symptoms-of-kaal-sarp-dosh/ https://ujjainpanditforpuja.in/symptoms-of-kaal-sarp-dosh/#respond Wed, 12 Apr 2023 10:53:42 +0000 https://ujjainpanditforpuja.in/?p=2020 काल सर्प दोष हिंदू ज्योतिष शास्त्र में एक ग्रह दोष है, जिसे कि धनु और मकर राशि के बीच बैठे सूर्य और चंद्रमा के कुछ स्थानों पर जब राहु और केतु बैठे होते हैं तो उत्पन्न होता है। काल सर्प दोष के लक्षण ज्योतिष शास्त्र के अनुसार बहुत ही विशिष्ट होते हैं और उन्हें समझने में कुछ मुश्किलें हो सकती हैं।

काल सर्प दोष के लक्षणों में सबसे बड़ा लक्षण उस व्यक्ति का भाग्य होता है, जो इस दोष से प्रभावित होता है। इस दोष के कुछ लक्षण इस प्रकार होते हैं।

धन संबंधी समस्याएं – काल सर्प दोष (Kaal Sarp Dosh) के प्रभाव में सबसे बड़ा लक्षण धन संबंधी समस्याओं का होता है। जैसे कि आय कम होना, बड़ी बड़ी खर्चों की जरूरत, उच्च ऋण और निवेश में नुकसान आदि।

संतान संबंधी समस्याएं – काल सर्प दोष के प्रभाव में संतान संबंधी समस्याएं भी होती हैं। जैसे कि बार बार गर्भपात होना, प्रसव में तकलीफ, बच्चों की समस्याएं आदि।

रोग संबंधी समस्याएं – काल सर्प दोष के प्रभाव में व्यक्ति के शारीरिक स्वास्थ्य पर भी बुरा प्रभाव पड़ता है। व्यक्ति को निरंतर बीमार होने का सामना करना पड़ता है। व्यक्ति को विभिन्न प्रकार के रोग जैसे जुओं का काटना, त्वचा रोग, पेट संबंधी विकार, बार बार बुखार आदि से गुजरना पड़ता है।

व्यवहारिक समस्याएं – काल सर्प दोष के प्रभाव में व्यक्ति की व्यवहारिक समस्याएं भी होती हैं। व्यक्ति की मानसिक स्थिति बिगड़ती है, और उसे आत्मविश्वास की कमी होती है। यह दोष भयानक स्त्री-पुरुष संबंधों को बदल सकता है और लगभग सभी प्रकार की व्यक्तिगत रिश्तों को प्रभावित करता है।

विदेश यात्रा संबंधी समस्याएं – काल सर्प दोष के प्रभाव में व्यक्ति को विदेश यात्रा करने में भी कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है। इस दोष के प्रभाव से व्यक्ति को विदेश यात्रा करने से पहले अच्छी तरह से जाँच करनी चाहिए। 

नौकरी संबंधी समस्याएं – काल सर्प दोष के प्रभाव में व्यक्ति को नौकरी संबंधी समस्याओं से भी जूझना पड़ता है। व्यक्ति को नौकरी में सफलता प्राप्त करने में कठिनाई आती है और उसे नौकरी संबंधी समस्याओं का सामना करना पड़ता है।

संतान संबंधी समस्याएं – काल सर्प दोष के प्रभाव में व्यक्ति को संतान संबंधी समस्याओं से भी गुजरना पड़ता है। इस दोष के प्रभाव से व्यक्ति को संतान प्राप्त करने में कठिनाई आती है और उसे संतान संबंधी समस्याओं का सामना करना पड़ता है।

मानसिक समस्याएं – काल सर्प दोष के प्रभाव में व्यक्ति को मानसिक समस्याएं भी होती हैं। इस दोष के प्रभाव से व्यक्ति को चिंता, तनाव, दुख, उदासी, असंतुलन, नींद नहीं आना आदि मानसिक समस्याओं से जूझना पड़ता है।

धार्मिक समस्याएं – काल सर्प दोष के प्रभाव में व्यक्ति को धार्मिक समस्याएं भी होती हैं।

काल सर्प दोष एक ऐसा रोग है जो कि व्यक्ति के जीवन में अनेक समस्याओं का कारण बनता है। इस दोष के चलते व्यक्ति को काफी तकलीफ होती है जो कि उसके जीवन को पूरी तरह से प्रभावित करती है। काल सर्प दोष को ठीक करने के लिए उज्जैन में एक विशेष पूजा की जाती है, जो व्यक्ति के जीवन में खुशहाली और समृद्धि लाने में मदद करती है।

उज्जैन शहर मध्यप्रदेश के पश्चिमी भाग में स्थित है। यह एक प्राचीन शहर है जिसे उज्जयिनी भी कहा जाता है। यहां पर एक विशेष मंदिर है जो कि काली माता को समर्पित है। इस मंदिर में काल सर्प दोष को ठीक करने के लिए एक विशेष पूजा की जाती है। इस पूजा में धूम्रपान, शबर मंत्रों का जाप और अन्य पूजा विधियों का अनुसरण किया जाता है। इस पूजा के माध्यम से लोग काल सर्प दोष को दूर करने की कोशिश करते हैं और वे उनके जीवन में समृद्धि और खुशहाली लाने में मदद करते हैं।

इस पूजा का मुख्य उद्देश्य निरंतर जीवन में सुख और समृद्धि लाना होता है। यह पूजा समस्त संसार में फैले नकारात्मक ऊर्जा को हटाने में सहायता करती है जिससे व्यक्ति निरंतर सकारात्मक ऊर्जा का अनुभव करता है।

इस पूजा में अधिकतर ग्रहों के उपाय भी किए जाते हैं जैसे कि मंगल, बुध, शनि, शुक्र, सूर्य, चंद्रमा और गुरु आदि। इन ग्रहों के उपाय से भी काल सर्प दोष को ठीक करने में सहायता मिलती है।

इस पूजा के बाद अधिकतर लोगों को अनुभव होता है कि उनके जीवन में सुख, समृद्धि, सफलता और स्वस्थ रहने की संभावना बढ़ जाती है।

काल सर्प दोष पूजा उज्जैन (Kaal Sarp Dosh Puja Ujjain) में कई प्रकार से की जा सकती है, जिससे इसके खर्च की भी अलग-अलग राशि हो सकती है। यह पूजा अधिकतर पंडितों द्वारा की जाती है जो अपनी सेवाएं देते हैं और इसके खर्च भी विभिन्न पंडितों द्वारा निर्धारित किए जाते हैं।

पूजा के लिए खर्च की राशि: यह खर्च पूजा की विधि, आयोजन की स्थिति के आधार पर निर्धारित किया जाता है। इस खर्च की राशि 500 से लेकर 11,000 रुपए तक हो सकती है।

दान प्रदान की राशि: काल सर्प दोष पूजा के दौरान दान प्रदान करना भी बहुत महत्वपूर्ण होता है। यह दान शांति और सुख लाने के लिए किया जाता है। इस खर्च की राशि भी व्यक्ति के वित्तीय स्थिति और उनकी इच्छाओं के आधार पर निर्धारित की जाती है।

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मंगल दोष (Mangal Dosh) की पूजा कहां होती है? https://ujjainpanditforpuja.in/where-is-mangal-dosh-puja/ https://ujjainpanditforpuja.in/where-is-mangal-dosh-puja/#respond Wed, 29 Mar 2023 04:59:50 +0000 https://ujjainpanditforpuja.in/?p=2017 मंगल दोष ज्योतिष में एक ऐसा शब्द है जिसके बारे में काफी ज्योतिषीय महत्व दिया जाता है। यह एक ऐसी स्थिति होती है जब मंगल ग्रह व्यक्ति के कुंडली में एक निश्चित स्थान पर स्थित होता है। इस स्थिति को ज्योतिष शास्त्र में “मंगलदोष” कहा जाता है। मंगल दोष का मतलब होता है कि इस स्थिति में रहने से व्यक्ति को नुकसान हो सकता है। यह नुकसान व्यक्ति के विवाह, करियर और संतान के मामलों में हो सकता है।

मंगल दोष की पूजा (Mangal Dosh Puja) हिंदू धर्म में काफी महत्वपूर्ण होती है। यह पूजा अनुष्ठान के द्वारा की जाती है जो कि मंगल दोष को दूर करने के लिए होते हैं। मंगल दोष की पूजा के लिए विशेष तिथि तय की जाती है जिसमें पंचमी तिथि को सबसे उत्तम माना जाता है। इस दिन व्यक्ति को संगम द्वारा अनुष्ठान के लिए आमंत्रित किया जाता है। इस पूजा में गणेश जी, शिवजी और सूर्य देव की पूजा की जाती है।

मंगल दोष की पूजा में धूप, दीप, फूल, अगरबत्ती आदि आवश्यक सामग्री का उपयोग किया जाता है। मंगल दोष की पूजा में स्वर्ण या तांबे का एक तांबे का लोटा भी उपयोग किया जाता है जो कि पूजा के बाद दान के रूप में दिया जाता है। पूजा के बाद दान का धन एक गरीब के लिए या फिर किसी अनाथ बच्चे के लिए दिया जाता है।

मंगल दोष की पूजा के लिए व्यक्ति को सम्पूर्ण श्रद्धा और विश्वास के साथ इसे करना चाहिए। इस पूजा के माध्यम से व्यक्ति अपने अशुभ कर्मों को दूर करता है और मंगल दोष को दूर करने में सफल होता है। इस पूजा से व्यक्ति को सुख शांति और समृद्धि मिलती है।

मंगल दोष की पूजा कराने से पहले व्यक्ति को इसके बारे में अच्छी तरह से जानना चाहिए कि उसे क्या करना चाहिए और क्या नहीं करना चाहिए। इस पूजा के लिए समय विशेष तय किया जाता है जो कि इस पूजा के लिए बहुत महत्वपूर्ण होता है।

मंगल दोष ज्योतिष में बहुत महत्वपूर्ण होता है। यह दोष जातक के जीवन में अनेक समस्याओं का कारण बन सकता है जैसे कि दांपत्य विवाह में देरी, विवाहित जीवन में संघर्ष, नकारात्मक सोच आदि।

मंगल दोष की पूजा आम तौर पर वेद में उल्लेखित है। इस पूजा के द्वारा जातक अपनी भविष्य को सुधार सकते हैं और इसे दूर करने के लिए कुछ उपायों का भी पालन कर सकते हैं। इन उपायों में मंगल की दशा में कुंडली में विशेष योग होने पर मंगल के शांति के लिए शांतिपाठ करना, मंगल की दशा में मंदिर में जल अर्चना करना, मंगल की शांति के लिए मंगल की शुभ क्रियाएं करना आदि शामिल होते हैं।

इसके अलावा मंगल दोष के उपायों में मंगल की शुभ विभूतियों का धारण करना भी शामिल होता है।  इन विभूतियों में लाल मूंगा, मंगल दोष के उपाय के लिए सबसे लोकप्रिय होता है। इसके अलावा मुख्य उपायों में मंगल मंत्र का जप भी शामिल होता है। मंगल मंत्र के जप से मंगल दोष शांत होता है और जातक को मंगल दोष से मुक्ति मिलती है।

मंगल दोष की पूजा और उपाय करने से पहले आपको अपनी कुंडली में मंगल दोष के बारे में जानना आवश्यक होगा। अगर आपकी कुंडली में मंगल दोष होता है तो आपको इसके उपायों का पालन करना चाहिए।

इस दोष को दूर करने के लिए कुछ लोग मंगल को दान करते हैं। मंगल को दान करने से जातक की मंगल दशा कम होती है और उसकी शांति होती है। मंगल दान के लिए लाल वस्त्र, लाल मूंगे का दान, टंगनी, सोना आदि चीजें दी जा सकती हैं।

आप अपनी कुंडली में मंगल दोष के उपाय करने के लिए कुंडली विशेषज्ञों से सलाह ले सकते हैं। वे आपको सही उपायों के बारे में बताएंगे जो आपकी समस्याओं को दूर करने में मदद करेंगे।

अंततः, मंगल दोष की पूजा और उपाय करना बहुत महत्वपूर्ण होता है। इससे न केवल आपकी जिंदगी में समस्याओं का समाधान होता है, बल्कि आपकी भविष्यवाणी भी सुधरती है।

अधिक जानकारी के लिए, मंगल दोष की पूजा और उपाय करने से पहले आपको मंगल ग्रह के बारे में अधिक जानकारी होनी चाहिए। मंगल ग्रह को भयंकर, सैन्य, आग्रही, विवादकारी और अनुचित रूप से सक्रिय माना जाता है। इस ग्रह का दबदबा अधिक होने से व्यक्ति अतिरिक्त क्रोधी, विवादास्पद और निराश हो सकता है। इसके अलावा, यह ग्रह शादी और संबंधों में भी समस्याएं उत्पन्न कर सकता है।

आप मंगल दोष को दूर करने के लिए इन उपायों का पालन कर सकते हैं:

मंगल की पूजा: आप मंगल ग्रह की पूजा करके अपने मंगल दोष को दूर कर सकते हैं। इस पूजा के लिए लाल फूल, लाल वस्त्र और अगरबत्ती का उपयोग किया जाता है।

मंगल ग्रह के उपाय: मंगल दोष के लिए अन्य उपायों में लाल मूंगे का दान, तांबे का बर्तन और लाल सोने की अंगूठी धारण करना शामिल है।

मंत्र जप: मंगल दोष को दूर करने के लिए विभिन्न मंत्रों का जप किया जाता है। आप अपने गुरु या ज्योतिषाचार्य से मंत्रों के बारे में पूछ सकते हैं और उनकी अनुशंसा के अनुसार उन्हें जप कर सकते हैं।

कुंडली मिलान: अगर आपकी कुंडली में मंगल दोष है और आप विवाह के लिए जा रहे हैं, तो आपको दूसरे व्यक्ति की कुंडली के साथ कुंडली मिलान करना चाहिए। इससे आप यह जान सकते हैं कि आपके साथ जोड़ी बनाने से पहले क्या उनकी कुंडली में कोई दोष हो गाया नहीं।

दान: अन्य उपायों के साथ, आप मंगल दोष (Mangal Dosh Puja) को दूर करने के लिए दान भी दे सकते हैं। आप लाल मूंगे, अनाज, ज्वार और अन्य भोज्य पदार्थों का दान कर सकते हैं।

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How many variations of Mahamrityunjaya Pooja are there? https://ujjainpanditforpuja.in/how-many-variations-of-mahamrityunjaya-pooja-are-there/ https://ujjainpanditforpuja.in/how-many-variations-of-mahamrityunjaya-pooja-are-there/#respond Mon, 20 Mar 2023 07:57:24 +0000 https://ujjainpanditforpuja.in/?p=2013 Here you will know different variations and maha mrityunjaya puja cost in Ujjain. You may categorize Mahamrityunjaya mantra puja into the following categories according to the number of times the mantra is chanted:

  • The first kind involves repeating the slogan eleven thousand times. It’s the smallest possible number. Thus fewer priests and fewer days are needed to finish the recitation.
  • The second variety involves reciting the mantra 21 thousand times.
  • The third variety involves reciting the mantra 31,001 times.
  • The fourth category includes chants when the mantra is repeated 62 thousand times.
  • The mantra is chanted 125,000 times in the fifth and final kind. This puja is the granddaddy of them all. Know the maha mrityunjaya puja cost in Ujjain here.

Advantages and Wonders of the Mahamrityunjaya Mantra –

Among the many advantages of reciting the Mahamrityunjaya Mantra are the following:

  • Performing the Maha Mrityunjaya pooja can greatly enhance one’s health and help one overcome serious, life-threatening conditions. You can decide by knowing the maha mrityunjaya puja cost in Ujjain.
  • The performer’s loved ones are also afforded some kind of safety as a byproduct of this puja.
  • As a side benefit, it extends the practitioner’s life expectancy.
  • This extremely potent ritual removes all the negative influences in one’s life, making it possible to triumph over any obstacles standing in one’s way.
  • Pursuing lofty goals and working for them with the help of this pooja is also possible.
  • If you chant this mantra during a pooja, you’ll not only find inner calm, but you’ll also be able to overcome the negative influences of the planets in your birth chart.

There are several reasons to perform this pooja, but the most common is to

  • Prevent an early death that the Jyotish has predicted,
  • Improve the health of a person who is ill, and
  • Correct any doshas, such as Nadi Dosha or Bhakut Dosha, that may have arisen due to a Guna Milaan or marriage.

Hence if you know the maha mrityunjaya puja cost in Ujjain, you can perform this for yourself.

For whom is the Maha Mrityunjaya Mantra recommended?

The chantings for this pooja should be done on the devotee’s behalf by a team of 6–7 seasoned priests.

The opposite of the desired results may occur for the devotee if this is not done.

When reciting the Maha Mrityunjaya Mantra, how many times is recommended?

108 times – The recommended number of repetitions for the Mahamrityunjaya Mantra is 108. To keep track of how many times this potent mantra has been said, devotees might use a Rudraksha rosary with 108 beads.

One, zero, and eight each have their meanings, and together they represent everything.

In-House Maha Mrityunjaya Jaap Instructions

There will be a 30-minute time requirement.

Guide:

1. Say a Mantra

Reciting the Mahamrityunjaya Mantra five times with a mala is most effective in the morning. It is claimed that if you recite the Mahamrityunjaya Mantra 108 times, the all-powerful force of Shiva will encircle your body and keep you safe.

2. Sankalp

To invoke Lord Shiva’s favor, one must take the Sankalp and pour water into the pot.

3. Honor Shiva as God

Fruits, incense, bel leaves, water, and light are appropriate offerings to Lord Shiva.

4. Have a Havana ceremony

When the Maha Mrityunjaya Jaap puja is over, the havan begins. The pooja is complete, and the faithful must wait for the desired outcomes.

What is the maha mrityunjaya puja cost in Ujjain or at home?

  • Depending on how many mantras you choose, the Mahamrityunjaya pooja might take anywhere from five to eleven days to complete.
  • It usually begins on a Monday and lasts through the following Monday.
  • The amount of priests doing the pooja also affects how long it takes.

When is the best time for me to do the Maha Mrityunjaya Pooja at my house?

Maha Shivaratri, Sawan, Makarsankranti, and Amavasya are the best times to do the Maha Mrityunjaya Pooja. This pooja is often carried out on Mondays. However, after consulting with a respected priest, this pooja can be performed on any day that is most convenient for the devotee.

To chant the Mahamrityunjaya Mantra, what financial commitment is required?

  • The yagna and the number of repetitions of the mantras are two major factors in determining the final maha mrityunjaya puja cost in Ujjain.
  • The average cost of performing the 3- to 4-day Maha Mrityunjaya pooja is between Rs. 40,000 and 50,000.
  • A Havan follows the recitations. When considering the number of recitations, the havan might be little, medium, or large.

Mantra’s Positive Effects

Believed to be a moksha mantra, it is chanted to Lord Shiva in the hopes of receiving his blessing on a long and healthy life and protection from death for oneself, and one’s loved ones. Chanting the Mah Mahamrityunja mantra has many additional advantages as well.

  • This phrase might improve a sick person’s health because it focuses on the mind. By reciting this mantra 108 times, you can pray to Lord Shiva to recover a sick or ailing loved one. Mantra chanting generates a healing vibration that counteracts disease, restores bodily alignment, and wards off the forces of evil.
  • It is said that by repeating this mantra, one may overcome negative emotions such as envy, rage, and greed. Regular chanting has been proven to help you overcome illness, accidents, disasters, and other bad luck occurrences. According to popular belief, Lord Shiva would give his blessings of health, money, and tranquillity to everyone who chants this mantra with devotion.
  • This mantra is ideally said after applying vibhuthi (holy ash), pouring a glass with water, and sitting facing east. Make sure the glass is sealed by pressing the palm of your right hand on the top, then repeat the mantra 108 times. When you’re done, the water may be used to spray the house or given to the occupants to drink.
  • This mantra’s spiritual upliftment is a major reason for its effectiveness and significance.
  • Individuals with any sort of “dosha” in their “Kundli” might benefit from reciting the mantra (horoscope)
  • Uncommonly, this Shiva Jaap’s chanting might protect you from financial hardships.

Those who have trouble sleeping or regularly experience disturbing nightmares might benefit from reciting this mantra. If they chant this mantra just before bed or first thing in the morning, it will calm their thoughts and allow them to sleep without interruption.

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काल सर्प दोष (Kaal Sarp Dosh) को हमेशा के लिए दूर कैसे करें? https://ujjainpanditforpuja.in/kaal-sarp-dosh-ko-hamesha-ke-liye-kase-door-kare/ https://ujjainpanditforpuja.in/kaal-sarp-dosh-ko-hamesha-ke-liye-kase-door-kare/#respond Mon, 06 Mar 2023 09:55:15 +0000 https://ujjainpanditforpuja.in/?p=1991 काल सर्प दोष एक ज्योतिषीय दोष है जिसे ज्योतिष शास्त्र में बताया जाता है।यह एक ऐसी स्थिति है जिसमें किसी व्यक्ति की जन्म कुंडली में राहु और केतु को सामने देखकर दोष बनता है।इस दोष के कारण व्यक्ति को विभिन्न समस्याओं का सामना करना पड़ता है जैसे कि संतान विवाह, स्वास्थ्य, करियर इत्यादि।इसलिए, काल सर्प दोष से पीड़ित व्यक्तियों को इस दोष को दूर करने के लिए कुछ उपायों का पालन करना चाहिए।

काल सर्प दोष के प्रकार:

काल सर्प दोष व्यक्ति की जन्म कुंडली में राहु और केतु के स्थान के आधार पर अलग-अलग प्रकारों में होता है।इसमें दो प्रकार के होते हैं एक तो उन लोगों के लिए जिनमें काल सर्प दोष के सभी ग्रह होते हैं और दूसरा जो लोगों के जन्म कुंडली में इस दोष के कुछ ग्रह होते हैं।

काल सर्प दोष के लक्षण:

काल सर्प दोष (Kaal Sarp Dosh Puja Ujjain) से पीड़ित व्यक्तियों को विभिन्न लक्षणों का सामना करना पड़ता है जैसे कि उनमें दुर्बलता, मन और शरीर काल सर्प दोष के लक्षणों में शामिल हो सकती हैं व्यक्ति के जीवन में संघर्ष, धन की कमी, संतान विवाह में असफलता, आध्यात्मिक उन्नति में रुकावट, स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं, घर में दुश्मनी इत्यादि।यदि इन लक्षणों में से कुछ व्यक्ति के जीवन में होते हैं तो वह काल सर्प दोष के प्रभाव में हो सकता है।

काल सर्प दोष ज्योतिष शास्त्र में एक ऐसा दोष माना जाता है जो कुंडली में राहु और केतु के प्रभाव से होता है। इसे दूर करने के लिए कुछ उपाय होते हैं, जो निम्नलिखित हैं:

मंदिर जाना: काल सर्प दोष से निपटने के लिए आप मंदिर जा सकते हैं और राहु-केतु की पूजा कर सकते हैं।इस उपाय से आपके जीवन में समस्याएं कम हो सकती हैं।

मन्त्र जप: कुछ विशेष मन्त्रों का जाप करने से आप काल सर्प दोष को दूर कर सकते हैं।राहु के लिए “ॐ रां राहवेनमः” और केतु के लिए “ॐ कें केत वेनमः” मन्त्रों का जाप करना लाभदायक हो सकता है।

दान: कुछ विशेष दान भी काल सर्प दोष को दूर करने में मदद कर सकते हैं। सर्पदान, चांदी का कटोरा दान, लहसुन दान आदि उपायों को आजमाकर आप काल सर्प दोष से छुटकारा पा सकते हैं।

रत्न धारण: कुछ रत्नों को धारण करने से भी काल सर्प दोष को दूर किया जा सकता है।राहु के लिए गोमेद रत्न और केतु के लिए लहसुनिया रत्न धारण करे

काल सर्प दोष ज्योतिष शास्त्र में एक ऐसा दोष माना जाता है जो कुंडली में राहु और केतु के प्रभाव से होता है।इस दोष के कारण जातक को कई समस्याओं का सामना करना पड़ता है, जैसे कि धन नुकसान, स्वास्थ्य समस्याएं, शादी में देरी, संतान समस्याएं, आदि।हालांकि, कुछ उपाय होते हैं जिनकी मदद से काल सर्प दोष को हमेशा के लिए दूर किया जा सकता है।इस लेख में, हम इन उपायों पर विस्तार से चर्चा करेंगे।

मंदिर जाना

काल सर्प दोष से निपटने के लिए आप मंदिर जा सकते हैं और राहु-केतु की पूजा कर सकते हैं।आपको अगले 18 महीनों में एक बार काल सर्प दोष की पूजा करवानी चाहिए।आप एक निश्चित समय में एक बार होने वाली काल सर्प दोष की पूजा के लिए मंदिर जा सकते हैं।यदि आप इसे निरंतर करते रहते हैं, तो आपको इससे बहुत ही अधिक लाभ मिलता है।

मन्त्र जप

कुछ विशेष मन्त्रों का जाप करने से आप काल सर्प दोष को दूर कर सकते हैं।

ज्योतिष उपाय

कुंडली में राहु और केतु के प्रभाव को कम करने के लिए ज्योतिष उपाय भी काम करते हैं।विभिन्न प्रकार के यंत्र जैसेकि कच्छप यंत्र और श्रीयंत्र आपको राहु-केतु के दोष से मुक्ति दिलाते हैं। इन यंत्रों को घर में रखा जा सकता है और नियमित रूप से पूजा कर सकते हैं।ज्योतिषीय उपायों में धार्मिक तथा तंत्रिक उपाय होते हैं, जिनकी मदद से दोषों को कम किया जा सकता है।यदि आपको ज्योतिष उपायों के बारे में जानकारी नहीं है, तो आप ज्योतिषी से संपर्क कर सकते हैं।

धार्मिकउपाय

ज्योतिष शास्त्र के अलावा, कुछ धार्मिक उपाय भी काल सर्प दोष को दूर करने में मदद करते हैं।आप प्रतिदिन गंगाजल से स्नान कर सकते हैं।गंगाजल को अग्नि में जलाकर हवन करने से भी काल सर्प दोष को दूर किया जा सकता है।आप एक धार्मिक गुरु से संपर्क करके उपाय करवा सकते हैं जैसे कि पूजा, हवन, धर्म सत्र आदि।

शुभ रत्नों का धारण

कुछ ज्योतिषीय मान्यताओं के अनुसार, शुभ रत्नों का धारण भी काल सर्प दोष से मुक्ति दिलाता है।राहु के प्रभाव को कम करने के लिए हीरा या बाजू बंद का उपयोग किया जा सकता है। केतु के प्रभाव को कम करने के लिए नीलम या लहसुनिया का उपयोग किया जाता है।यदि आप रत्नों का धारण करना चाहते हैं, तो एक विशेषज्ञ को सलाह लेना सुरक्षित होगा।

कुछ लोग सोना या चाँदी का उपयोग भी करते हैं क्योंकि यह उन्हें सुख और समृद्धि प्रदान करता है और उन्हें नजर बचाता है।आप एक ज्योतिषी से भी सलाह ले सकते हैं कि कौन सा रत्न या धातु आपके लिए सही हो सकता है।

अन्यउपाय

कुछ अन्य उपाय भी हैं जो काल सर्प दोष (Kaal Sap Dosh Puja in Ujjain) को दूर करने में मदद करते हैं।आप अपने घर में तुलसी का पौधा लगा सकते हैं जो कि काल सर्प दोष को कम करने में मदद करता है।तुलसी के पत्तों को नियमित रूप से पूजा करने से भी आप काल सर्प दोष से मुक्त हो सकते हैं।

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